महान हिन्दी महान हिन्दी
रात-दिन तू कर्म है करती, दोनों कुलों की शान रात-दिन तू कर्म है करती, दोनों कुलों की शान
मुझे सिखाओ, कठिन परिश्रम। जैसे रात भर चलते हो। मुझे सिखाओ, कठिन परिश्रम। जैसे रात भर चलते हो।
भटके न कदम मेरा , तुम करना करम हम पर, ,हे ईश्वर, हे ईश्वर---- भटके न कदम मेरा , तुम करना करम हम पर, ,हे ईश्वर, हे ईश्वर----
अपनों के द्वारा नित्य, प्रताड़ित करी गई, अब भी लहू-लुहान है, हिन्दी ही दोस्तों । अपनों के द्वारा नित्य, प्रताड़ित करी गई, अब भी लहू-लुहान है, हिन्दी ही दोस्त...
किताबों से ही मनुष्य बनता है महान किताबें न होती अगर जीवन में हमारे किताबों से ही मनुष्य बनता है महान किताबें न होती अगर जीवन में हमारे